ब्रजवास
तन कहि भी रहे मन ब्रज में रहे ऐसा ब्रजवास सदा बना ही रहे। जग से पर्दा करू बैठू तेरे करीब बात नैनो की नैनो से होती रहे। तू कहे तो सुबह तू कहे शाम हो तेरी राजी में मेरी हाँ बनी ही रहे। डगमगाए जो कश्ती भमर में मेरी मेरी नदियां का साहिल तू मेरा बना ही रहे। बस एक तमन्ना मेरी आखिरी तेरा दीदार में दिन गुजरते रहे। भानुजा शर्मा