जय कार
दैवत थाप नाचत दोउ,पहनो गल श्वेत कुसुमन हार कौन विजय होवत निरखत गोरी,दोऊ ना मानत हार अंग अंग थिरतकत दोऊ के,प्यारे टूटो मोतियन हार सखी दिखावत दर्पण दोऊ कु कहो कोन जीतो कोन हार निरखे रूप प्यारी को प्यारो,लला भूले कहा चरण हमार भई प्रसन्न सखियन टोली,किशोरी कौ करत जय कार भानुजा🙏🙏✍️